सूचना का अधिकार - एक्ट

परिचय

सूचना प्राप्ती का अधिकार 12 अक्टूबर, 2005 से कार्यकारित हुआ। कुछ प्रबंध तुरंत ही कार्यकारित हो गये जैसे लोक अधिकारियों के कानूनी बंधन (सेक्शन 4, (1)) लोक सूचना अधिकारियों और सहायक लोक सूचना अधिकारियों की पोस्ट ख् सेक्शन 5 (1) और 5 (2), केन्द्रिय सूचना आयोग का गठन (सेक्शन 12 और 13), राज्य सूचना आयोग का गठन (सेक्शन 15 और 16), इस अधिनियमहिला का इन्टेलिजेन्स और सुरक्षा विभाग से संबंधित होता (सेक्शन 24) और अधिनियम के प्रबंधो को क्रियान्वित कराने हेतु कुछ नियम बनाने का अधिकार (सेक्शन 27 और 28)
आच्छादित क्षेत्र:-
जम्मू कश्मीर को छोड़कर यह अधिनियम सम्पूर्ण भारत मे लागू है।

अर्थ

सूचना प्राप्ति के अधिकार के अन्तर्गत निम्न सम्मिलित है:-
1. कार्यो का निरीक्षण करना, दस्तावेजों और रिकार्डो का निरीक्षण करना
2. दस्तावेजों, रिकार्डो के विषय मे नोट करना या उनकी प्रमाणित प्रतियां प्राप्त करना
3. सामग्रियों के प्रमाणित सैम्पल लेना
4 .प्रिंट आउट, डिस्कैट, फ्लाॅपी, टेप, विडियो, कैसेट या अन्य किसी इलेक्ट्रानिक उपकरण के द्वारा सूचना प्राप्त करना

लोक सूचना अधिकारी

सूचना प्राप्ति के अधिकार के अन्तर्गत निम्न सम्मिलित है:-
समस्त प्रशासनिक इकाइयों या आफिसों मे लोकाधिकारियों के द्वारा कुछ अधिकारी कार्यरत किये जाते हैं, जिन्हे लोक सूचना अधिकारी कहा जाता है।
इस अधिनियम के अन्तर्गत, यह नागरिेकों को, सूचना प्राप्ति की अपील कर, संबंधित सूचना प्राप्त करा सकते हैं।
कोई ऐसा अधिकारी, जिसकी सहायता लोक सूचना अधिकारी ने अपने कर्तव्यों के उचित निस्तारण हेतु ली हो, को, अधिनियम के प्रबन्धों को लागू करने हेतु, अधिकृत किया जायेगा और उससे लोक सूचना अधिकारी की तरह बर्ताव किया जायेगा।

याचना प्रक्रिया

1. लिखित या किसी इलेक्ट्रानिक उपकरण के प्रयोग से अंग्रेजी अथवा हिन्दी या उस क्षेत्र की क्षेत्रीय भाषा मे लोक सूचना अधिकारी को, वांच्छनीय जानकारी से संबंधित समस्त विवरण देते हुये एक याचना दायर करनी होगी।
2. सूचना प्राप्ति का कारण बताना आवश्यक नही है।
3. जैसे उल्लेखित हो, तद्नुसार फीस जमा करें।

सरकार/शासन का योगदान

1. अलाभान्वित जन समुदायों के लिये सूचना प्राप्ति अधिकारों से संबंधित शैक्षणिक कार्यक्रमों का विकास करना।
2. इस प्रकार के कार्यक्रमों मे भाग लेने हेतु लोकाधिकारियों को प्रोत्साहित करना।
3. लोगों को सही समय तक वांच्छनीय सूचना प्राप्त कराना।
4. प्रशिक्षण सामग्री का विकास करना और अधिकारियों को प्रशिक्षित करना।
5. उस क्षेत्र की क्षेत्रीय भाषा मे एक सूचना गाइड तैयार करना तथा उसे जनता को उपलब्ध कराना।
6. उस गाइड मे सूचना अधिकारियों के नाम, पते, फोन नं0 इत्यादि को छपवाना और विभिन्न जानकारी से संबंधित फीस का विवरण देना।